1.सियाचिन दिवस: भारतीय सेना के शौर्य को समर्पित
- SHUBHAM SONI
- PUBLISHED ON-15/04/2025
13 अप्रैल को सियाचिन दिवस पर सेना ने 1984 के ‘ऑपरेशन मेघदूत’ की 41वीं वर्षगांठ मनाई। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान को पीछे धकेलते हुए सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जा किया था। दुनिया के सबसे ऊंचे (18,000 फीट) युद्धक्षेत्र में तैनात सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर सैनिकों की बहादुरी को सलाम किया।
2. भारत में खोजी गई स्कारैब बीटल की 6 नई प्रजातियाँ
वैज्ञानिकों ने पूर्वोत्तर भारत और पश्चिमी घाट में स्कारैब बीटल (गुबरैला) की 6 नई प्रजातियों की खोज की है।
प्रजाति का नाम | खोज स्थान | खोज स्थान |
---|---|---|
Maladera champhaiensis | चम्फाई, मिज़ोरम | स्थान आधारित नामकरण |
Maladera barasingha | पूर्वोत्तर | बारहसिंगा के सींग जैसे ढांचे के कारण नामकरण |
Maladera lumlaensis | लुमला, अरुणाचल प्रदेश | स्थान आधारित नामकरण |
Maladera onam | केरल | ओणम त्योहार के नाम पर रखा गया |
Neoserica churachandpurensis | चुराचांदपुर, मणिपुर | स्थान आधारित नामकरण |
Serica subansiriensis | सुबनसिरी, अरुणाचल प्रदेश | स्थान आधारित नामकरण |
अमेरिकी शिक्षा विभाग ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की 2.3 अरब डॉलर की फंडिंग इसलिए रोक दी क्योंकि विश्वविद्यालय ने DEI (Diversity, Equity, Inclusion) कार्यक्रमों में बदलाव से इनकार कर दिया। ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि हार्वर्ड यहूदी-विरोधी गतिविधियों को रोकने में विफल रहा। हार्वर्ड ने इस निर्णय को “अकादमिक स्वतंत्रता पर हमला” बताया। यह विवाद अमेरिका में सरकारी फंडिंग और शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्तता पर बहस छेड़ दी है।
4. दीघा में जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन, ममता बनर्जी रहेंगी मुख्य अतिथि
पश्चिम बंगाल के दीघा में 30 अप्रैल को भव्य जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन होगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि होंगी। राज्य सरकार ने 12,000 से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति के लिए विशेष सुरक्षा और बुनियादी ढांचे की तैयारियां पूरी कर ली हैं। यह मंदिर पूर्वी भारत में ओडिशा के बाहर जगन्नाथ संस्कृति को बढ़ावा देगा और दीघा को एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेगा।
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5. तेलंगाना बना SC उप-वर्गीकरण लागू करने वाला पहला राज्य
तेलंगाना ने 14 अप्रैल (अंबेडकर जयंती) को अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण को लागू कर दिया। अब 15% SC आरक्षण को 59 उप-जातियों में तीन श्रेणियों (A, B, C) में बांटा जाएगा। यह निर्णय जस्टिस रामचंद्र राजू आयोग की सिफारिशों पर आधारित है। इससे मदिगा, माला जैसे अति पिछड़े समूहों को अधिक लाभ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में ही इसकी अनुमति दी थी।
6. पी. शिवकामी को वर्चोल दलित साहित्य पुरस्कार 2025
प्रसिद्ध दलित लेखिका और पूर्व IAS अधिकारी पी. शिवकामी को चेन्नई में ‘वर्चोल दलित साहित्य पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। उन्हें 1 लाख रुपये की पुरस्कार राशि और प्रशस्ति पत्र दिया गया। शिवकामी ने अपने संबोधन में कहा कि साहित्य सामाजिक बदलाव का सशक्त माध्यम है। यह पुरस्कार फिल्म निर्माता पा. रणजीत के नीलम सांस्कृतिक केंद्र द्वारा प्रदान किया जाता है।
7. ISSF विश्व कप 2025 में भारत ने जीते 8 पदक
ISSF विश्व कप (राइफल/पिस्टल) में भारत ने 4 स्वर्ण, 2 रजत और 2 कांस्य सहित कुल 8 पदक जीते। यह टूर्नामेंट पेरिस ओलंपिक 2024 की तैयारी के लिए आयोजित किया गया था। मनु भाकर, रुतुराज गायकवाड़ और एलावेनिल वलारिवन जैसे शूटर्स ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। हालांकि भारत टीम रैंकिंग में अमेरिका से पीछे रहा, लेकिन युवा प्रतिभाओं ने ओलंपिक के लिए उम्मीदें जगाईं।
8. पंजाब डेयरी ने लॉन्च किया नया मास्कट ‘वीरा’
मिल्कफेड पंजाब ने अपने ब्रांड ‘वेरका’ के लिए नया शुभंकर ‘वीरा’ (एक मुस्कुराता सिख बालक) लॉन्च किया। यह अमूल गर्ल की तर्ज पर वेरका की ब्रांडिंग को मजबूत करेगा। सीएम भगवंत मान ने अमृतसर में 135 करोड़ की डेयरी परियोजना का शिलान्यास भी किया। ‘वीरा’ पंजाब की संस्कृति और आतिथ्य का प्रतीक बताया जा रहा है।
9. UP का जीरो पॉवर्टी कार्यक्रम अब डॉ. अंबेडकर के नाम से
उत्तर प्रदेश सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर घोषणा की कि राज्य का ‘जीरो पॉवर्टी मिशन’ अब ‘डॉ. अंबेडकर शून्य गरीबी योजना’ कहलाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इसका उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे लोगों को सशक्त बनाना है। योजना के तहत सभी वंचित परिवारों को आवास, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। सीएम योगी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे अंबेडकर के विचारों का सम्मान नहीं करते। इसी दिन बसपा प्रमुख मायावती और सपा नेता अखिलेश यादव ने भी बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी।
“UPSC मुख्य परीक्षा और PSC मुख्य परीक्षा के लिए लिखित प्रश्न”
सियाचिन दिवस क्या है?
सियाचिन दिवस प्रतिवर्ष 13 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सेना के उन वीर जवानों को समर्पित है, जो दुनिया के सबसे ऊँचे युद्धक्षेत्र (सियाचिन ग्लेशियर) पर देश की सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं। इस दिन 1984 में शुरू हुए ‘ऑपरेशन मेघदूत’ की सफलता और सियाचिन में शहीद हुए सैनिकों के बलिदान को याद किया जाता है।
सियाचिन ग्लेशियर का महत्व
सियाचिन ग्लेशियर (5,753 मीटर या 18,875 फीट ऊँचाई) भारत-पाकिस्तान के बीच स्थित है और कराकोरम पर्वतमाला का हिस्सा है। यहाँ का तापमान -50°C से भी नीचे चला जाता है, और ऑक्सीजन की कमी के कारण यह इलाका “डेथ जोन” कहलाता है। फिर भी, भारतीय सेना यहाँ लगातार तैनात रहती है क्योंकि यह एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
ऑपरेशन मेघदूत (1984) – ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
1980 के दशक में पाकिस्तान ने सियाचिन पर कब्जा करने की योजना बनाई। भारतीय खुफिया एजेंसियों को इसकी जानकारी मिली, तो 13 अप्रैल 1984 को भारतीय सेना ने “ऑपरेशन मेघदूत” शुरू किया। इस ऑपरेशन में:
- कुमाऊँ रेजिमेंट और लद्दाख स्काउट्स के जवानों ने हिस्सा लिया।
- भारतीय वायुसेना (IAF) ने Mi-17 हेलिकॉप्टर्स की मदद से सैनिकों और सामान को ऊँचाई पर पहुँचाया।
- कर्नल नरेंद्र कुमार के नेतृत्व में भारतीय सेना ने बिलाफोंड ला और सिया ला जैसे महत्वपूर्ण दर्रों पर कब्जा कर लिया।
इस ऑपरेशन के बाद से ही सियाचिन पर भारत का नियंत्रण बना हुआ है, और पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा।
सियाचिन दिवस कैसे मनाया जाता है?
- शहीदों को श्रद्धांजलि: सेना के अधिकारी और जवान सियाचिन बेस कैंप और देशभर के युद्ध स्मारकों पर शहीदों को फूलमाला अर्पित करते हैं।
- विशेष समारोह: सेना मुख्यालयों और सियाचिन बेस पर परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम और वीरता पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किए जाते हैं।
- जनजागरूकता: स्कूलों और कॉलेजों में सेमिनार आयोजित कर सियाचिन के योद्धाओं की कहानियाँ सुनाई जाती हैं।
सियाचिन में चुनौतियाँ
सियाचिन में तैनात सैनिकों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है:
- अत्यधिक ठंड और हिमस्खलन का खतरा।
- ऑक्सीजन की कमी (हाइपोक्सिया) और फ्रॉस्टबाइट जैसी बीमारियाँ।
- दुर्गम इलाका, जहाँ रसद पहुँचाना भी एक बड़ी चुनौती है।
फिर भी, भारतीय सैनिक “हिम्मत और मजबूती” का परिचय देते हुए इस मोर्चे पर डटे रहते हैं।
सियाचिन दिवस न केवल एक सैन्य ऑपरेशन की सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय सेना के अदम्य साहस और देशभक्ति को भी दर्शाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि “सर्वोच्च बलिदान” देने वाले जवानों की वजह से ही हम सुरक्षित हैं।
“सियाचिन के हिमखंडों में जमी है वीरों की कहानी,
हर बर्फानी तूफान में लिखी है शौर्य की निशानी।”
इस दिवस पर हम सभी को सियाचिन के वीरों को सलाम करना चाहिए और उनके बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए।